कैप्टन आयुष्मान सिंह का जीवनी परिचय

 आज के पोस्ट हम एक ऐसे सख्त बारे में है जो भारतीय सेना में चिकित्सा अधिकारी थे और इन्होंने सियाचिन ग्लेशियर में अपने कर्तव्य के पालने करते हुए शहीद हो गए है तो हम बात कर रहे है captain anshuman singh biography के बारे में।

captain anshuman singh biography

जो कि ये ऐसे इंसान है जो इसका पहचान कर्तव्य के प्रति अद्वितीय समर्पण और निडर के लिए जाने जाते है  और वर्तमान समय में captain anshuman singh हमारे देश के हर व्यक्ति के लिए प्रेरणा है और इनका बलिदान हमारे देशभक्ति सिर्फ शब्द नहीं बल्कि कर्म से सिद्ध होती है।

कैप्टन अंशुमान सिंह का वीरता और बलिदान भारत देश के लिए एक अमिट गाथा बन चुका है इनका जितना भी शब्दों से सराहना की जाए वे बहुत ही कम ही क्योंकि ऐसे व्यक्ति हमारे देश के लिए एक वे मिसाल है। तो कैप्टन अंशुमान सिंह का जीवन परिचय या captain anshuman singh biography इन हिन्दी में पूरी तरह से जानते है।

अंशुमान सिंह कौन थे?

कैप्टन अंशुमान सिंह एक रेजिमेंटल मेडिकल ऑफिसर थे जो कि अपने क्षेत्र के सभी सैनिक चिकित्सा की देखभाल करने की जिमवारी था और इस समय शॉर्ट सर्किट हो जाने के कारण कई टेंट में आग लग गया और उसे टेंट में चार सैनिक मौजूद थे जो कि कैप्टन आसमान सिंह ने अपनी जान की परवाह न करते हुए आग में खुद पड़े थे। 

और चारों सैनिक के उसे आग में से सुरक्षित निकाल दिए और खुद आज से बुरी तरह से झुलस गए और उनके इलाज इलाज करने के दौरान शहीद हो गया।

Captain Anshuman Singh Biography 

कैप्टन अंशुमान सिंह अपने कर्तव्य के पालने करते हुए अपने देश के लिए बलिदान दे दिए इनका शहीद होना का कारण था कि अंशुमन सिंह मेडिकल सेंटर में आग लग जाने कारण उसमें कुछ लोग फैंस गए थे तो उनको बचाने के लिए आग में कूद पड़े थे।

जिसके कर वह आग से पूरी तरह झुलस गए जिसके कारण अंशुमान जुलाई 2023 में शहीद हुए थे वह पंजाब रेजिमेंट की 26वीं बटालियन की सेना मेडिकल कोर के अधिकारी थे। ये अपने शादी के ठीक पांच महीने बाद देश के लिए बलिदान दे दिए।

Captain Anshuman Singh प्रारंभिक जीवन

कैप्टन अंशुमान सिंह का जन्म 1997 में बरडीहा दलपत गांव के लार थाना क्षेत्र के देवरिया जिला, उत्तर प्रदेश में हुआ है और captain anshuman singh age 26 वर्ष हैं और इनका पिता का नाम रवि प्रताप सिंह है।

 जो कि ये एक सेवानिवृत्त जूनियर कमीशंड अधिकारी (JCO) थे और इनका माता का नाम रंजू देवी है और इनका पत्नी स्मृति सिंह है  अंशुमान सिंह और स्मृति सिंह की शादी फरवरी 2023 में हुआ था उसके बाद जुलाई 2023 में देश के लिए अपनी जान गंवा चुके है जो कि ये शादी के ठीक पांच महीने बाद हुआ था। 

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अंशुमान सिंह का शिक्षा

अंशुमान सिंह अपनी प्रारंभिक शिक्षा उतर प्रदेश से प्राप्त किए थे उसके बाद ये इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिला लेने के लिए योग्यता प्राप्त किया उसके बाद इन्होंने AFMC (आर्म्ड फोर्सेज मेडिकल कॉलेज) पुणे से अपनी मेडिकल की पढ़ाई पूरी किए।

AFMC ये एक बहुत ही बड़ी प्रतिष्ठित संस्थान है जो कि इसमें सैन्य चिकित्सा और उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा तथा युद्ध में लगी कठिन से चोटों के बारे में प्रशिक्षण सुविधा उपलब्ध कराया जाता है।

captain anshuman singh family

कैप्टन अंशुमान सिंह के फैमिली में उनका माता-पिता और उनका पत्नी है और उनके पिता भारतीय सेना रह चुके है और इसके और भी परिवार के बारे में नीची जानकारी उपलब्ध नहीं है।

सैन्य सेवा

ये अंशुमान सिंह 19 मार्च 2020 में भारतीय सेना में शामिल हुए था और ये पंजाब रेजिमेंट में 16वीं बटालियन में मेडिकल ऑफिसर तौर पर काम किया और इनका पोस्टिंग सियाचिन ग्लेशियर क्षेत्र में ऑपरेशन मेघदूत में नियुक्त किया गए थे।

और ये मद्रास रेजिमेंट के अटैचमेंट पर 26वीं पंजाब बटालियन के 403 फील्ड अस्पताल में चिकित्सा अधिकारी के रूप में तैनात थे और इसी दौरान अनुशासन, नेतृत्व और साहस के लिए अपने देश के लिये प्राण की आहुति दे दिए।

शहादत की गाथा

अंशुमान सिंह 19 जुलाई 2023 के सियाचिन ग्लेशियर में लगभग 3:30 में एक बंकर में शॉर्ट सर्किट हो जाने के कारण आग लग थी जिससे बहुत से टेंट आग से जलने लगे तब कैप्टन अंशुमान सिंह ने अपनी जान के प्रवाह किए बिना बंकर में घुस गए और उसमें जल रहे चार जवानों के सुरक्षित बाहर निकले।

और वही आग से बुरी तरह जल गए और इनके इलाज के दौरान शहीद हो गए हमारे देश में बहुत से ऐसे कम ही जवान है जो अपने जान के प्रवाह किए बिना देश की सेव करते हुए शहीद हो जाते है

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सम्मान और श्रद्धांजलि

captain anshuman singh kirti chakra से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू  जी ने 5 जुलाई 2024 में captain anshuman singh wife और उनकी माता मंजू सिंह को मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया है।

राज्य सरकार की श्रद्धांजलि:- 

उतर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 50 लाख रुपए के उनके परिवार वालों को आर्थिक सहायता के लिए घोषणा किए थे इसके अलाव उनको परिवार में एक नौकरी देने और जिले की एक सड़क उनके नाम पर करने की घोषणा की है।

captain anshuman singh indian army के वीरता और बलिदान हमेशा याद रखा जाएगा जो कि हमारे देश के लिए निस्वार्थ सेवा किए है

निष्कर्ष :- 

मुझे उम्मीद हैं कि कैप्टन अंशुमान सिंह का जीवन परिचय और captain anshuman singh biography इन सवालों की जवाब आपको अच्छी तरह से प्राप्त हो चुका होगा आप इस पोस्ट से रिलेटेड अपनी नीची राय जरूर बातये।

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FAQ (Frequently Asked Questions)

प्रश्न: अंशुमान सिंह कितने साल के थे?

उतर: इनका जन्म 1997 के उतर प्रदेश में हुआ था और ये बहुत ही कम उम्र यानि की 26 वर्ष की आयु में अपने प्राण देश के लिए न्यौछावर कर दिए।

प्रश्न: अंशुमन की कहानी क्या है?

उतर: अंशुमान सिंह ने 19 जुलाई 2023 को सियाचिन ग्लेशियर में टेंट में किसी करणसर सर्किट हो जाने से आग लग गया था जिसमें बुरी तरह से झुलस गए थे और इनका इलाज के दौरान शहीद हो गए। 

प्रश्न: कप्तान अंशुमन की मौत कैसे हुई थी?

उतर: कप्तान अंशुमन की आग लग जाने और चार जवान गिरे हुए थे उनको बचाने के लिए अपनी प्राण के निछावर कर दिया 

प्रश्न: अंशुमान सिंह को कीर्ति चक्र कब मिला था?

उतर: अंशुमान सिंह को कीर्ति चक्र 5 जुलाई 2024 भारत के राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा उनकी पत्नी और मां को सम्मानित किए गए थे 

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